Rajrappa Mandir : पुत्र के जन्मदिन पर इस बार, पहुंचे मां छिन्नमस्तिके के द्वार!

Rajrappa Mandir : पुत्र के जन्मदिन पर इस बार, पहुंचे मां छिन्नमस्तिके के द्वार!

मेरे छोटे पुत्र के जन्मदिन का अवसर और मां छिन्नमस्तिके का दरबार, आनंद ही आनंद

जय मां काली, जय मां काली

Rajrappa Mandir : आज मेरे छोटे बेटे यानी ओम उर्फ सार्थक का जन्मदिन है। आज यह 1 साल का हो गया और दूसरे साल में इसका प्रवेश हो चुका है। इस अवसर पर आज हम सभी, मैं, मेरी पत्नी और मेरे दोनों बच्चे मां के रजरप्पा दरबार यानी मां छिन्नमस्तिका के दरबार (Rajrappa Mandir) जाने के लिए निकल रहे हैं।

हम लोग अब मां के दर्शन के लिए अपने घर से निकल रहे हैं और उम्मीद है कि शाम होते-होते, रात होते-होते तक हम लोग वापस घर लौट आएंगे, मां का दर्शन करके। तो चलिए आप भी हमारे साथ, मां छिन्नमस्तिका के दर्शन के लिए।

Rajrappa Mandir Ranchi

जन्मदिन पर रजरप्पा जाने की क्यों सूझी?

Rajrappa Mandir : आप सोच रहे होंगे कि हम लोग अपने बच्चे का जन्मदिन मनाने के बजाय आज मां के दरबार क्यों जा रहे हैं! तो इसके पीछे एक छोटी सी बात मैं बता दूं कि मेरा जो बड़ा बेटा है, उसका जो पहली बार हमने जन्मदिन मनाया था, तो मेरे ही घर के एक पति-पत्नी ने, जिनका हमारे परिवार से जुड़ाव रहा है, उन पति-पत्नी ने एक ऐसा तांडव रच दिया था, जिसके बाद हम लोग का वह जन्मदिन मनाने का पूरा कार्यक्रम व्यर्थ हो गया था।

यह घटना हम सभी के लिए एक बहुत बड़ा सबक थी। और उसके बाद से हम लोग आज तक अपने इस पुत्र का जन्मदिन नहीं मना सके हैं। इसीलिए हमने तय किया कि हम अपने इस पुत्र का जन्मदिन मां के दरबार में जाकर मनाएं, मां के दर्शन करके आएं।

जय मां छिन्नमस्तिका, मां, हम सभी आ रहे हैं। जय मां।

Rajrappa Mandir Ramgarh

रामगढ़ की खतरनाक घाटियों के बीच से गुजरना है

Rajrappa Mandir : हम लोग को अपने घर से निकले हुए लगभग साढ़े 11 किलोमीटर हो चुका है और हम लोग रांची शहर की सीमा से बाहर निकल चुके हैं। आगे जैसे हम बढ़ते जाएंगे रामगढ़ की ओर, तो बीच में घाटियां आएंगी। आपको हम घाटियों का दर्शन भी कराएंगे। जय मां काली।

अब हम लोग पहाड़ी इलाके में प्रवेश कर चुके हैं। हम लोगों ने टोल टैक्स पर कर लिया है। यहां पर बोर्ड लगा हुआ है कि आगे साढ़े 6 किलोमीटर तक खतरनाक घाटी है। यहां हमें संभलकर जाना होगा। यह दुर्घटना संभावित क्षेत्र माना जाता है और यहां आए दिन भयंकर दुर्घटनाएं होती भी रहती हैं।

Maa Chhinnamastika Mandir

तीखे मोड़ वाली ढलान पर चलना है संभलकर

Rajrappa Mandir : इस घाटी में आपको बहुत ही तीखे मोड़ मिलेंगे। ऐसे मोड़, जिनमें आपको पता ही नहीं चलेगा की कितनी दूर तक गाड़ी को सीधा लेकर जाना है और कब गाड़ी को मोड़ना है। इसलिए यहां बहुत ही संभलकर जाना पड़ता है। और यहां तेज ढलान भी है, इसलिए गाड़ी चलाते समय खास एहतियात बरतने की भी आवश्यकता है।

Rudra Kali Putra Vivek

रजरप्पा मंदिर अब मात्र 23 किलोमीटर दूर

Rajrappa Mandir जाने के लिए अब हम लोग रामगढ़ पार करने के बाद फ्लाईओवर के नीचे से बाई और मुड़ गए हैं। हम लोग रजरप्पा की ओर बढ़ रहे हैं। यहां लगा हुआ बोर्ड बता रहा है कि रजरप्पा यानी मां छिन्नमस्तिका का मंदिर यहां से लगभग 23 किलोमीटर दूर है।

यहां सामने एक रेलवे ब्रिज है। हमें उसे ब्रिज को पार नहीं करना है, बल्कि उसके पहले ही भाई और मुड़ना है। अब यहां से रजरप्पा मात्र 10 किलोमीटर दूर है। बॉर्डर पर लिखा हुआ है ‘सिद्धपीठ रजरप्पा धाम की भूमि पर आपका स्वागत है।’

Rajrappa Mandir Jharkhand

पहुंचे मां छिन्नमस्तिका के प्रांगण में

हमारा Rajrappa Mandir पहुंचने का रास्ता पूरा होने वाला है। और अब हम लोग उसे स्वागत बोर्ड तक पहुंच गए हैं, जिसपर लिखा हुआ है ‘मां छिन्नमस्तिका के प्रांगण में आपका स्वागत है।’ हम लोग मां छिन्नमस्तिका के दरबार लगभग पहुंच चुके हैं।

और अब तेज ढलान शुरू हो चुकी है। तीखे मोड़ वाली यह ढलान अब सीधे मां के दरबार पर जाकर ही समाप्त होती है। और अब सामने आ चुका है मां छिन्नमस्तिका के मंदिर का प्रवेश द्वार। हम लोग मां छिन्नमस्तिका के दरबार आ चुके हैं।

गाड़ी पार्क करने के बाद खरीदा प्रसाद

Rajrappa Mandir के प्रांगण में अपनी गाड़ी पार्क करके हमने यहीं से प्रसाद भी खरीद लिया है। जय मां काली। मेरी पत्नी और बच्चे आगे बढ़ रहे हैं। आज 30 जनवरी को मेरे छोटे बच्चों के जन्मदिन के दिन उसे मां छिन्नमस्तिका का दर्शन करवाने आए हैं। मां का आशीर्वाद दिलाने हम लोग आए हैं।

मां काली, मां छिन्नमस्तिका, मां दुर्गे के आशीर्वाद से हम लोग मां छिन्नमस्तिका के मुख्य मंदिर तक पहुंच चुके हैं। मां छिन्नमस्तिका का मंदिर बड़ा ही प्यारा लग रहा है। अब हम लोग मुख्य मंदिर के अंदर प्रवेश करने वाले हैं।

Siddha Peeth Rajrappa Mandir

बड़े प्रेम से हुए साक्षात दर्शन

मां छिन्नमस्तिका के सिद्धपीठ Rajrappa Mandir में मां छिन्नमस्तिका के मुख्य मंदिर से दर्शन करने के बाद हम लोग बाहर आ चुके हैं। यहां भी मां के वात्सल्य और कृपालु रूप के साक्षात दर्शन हुए। जय मां, जय मां, जय मां।

तुम्हारा दर्शन हो गया मां। तुमने बड़े प्रेम से, प्यार से अपने चरणों में झुकने दिया है मां। जय मां, जय मां, जय मां।

यहां बंधी हुई हैं ढेर सारी घंटियां, लेकिन क्यों?

Rajrappa Mandir में मां का दर्शन करने के बाद, मां के मुख्य मंदिर से निकलकर हम लोग उसे तरफ पहुंच रहे हैं, जहां ढेर सारी घंटियां बंधी हुई हैं, चुनरी बंधी हुई है। मौली धागा में छोटे-छोटे पत्थर भी बंधे हुए हैं।

ऐसा कहा जाता है कि लोग अपनी मन्नत मांगते हुए इन्हें यहां बांधते हैं और मन्नत पूरा होने पर, उन्होंने जो कहा था उसकी पूर्ति करते हैं। और फिर यहां आकर अपना धागा खोल देते हैं।

मां के आदेश से अब होगी घर-वापसी

हम लोगों का Rajrappa Mandir का दर्शन पूरा हुआ। अब हम लोग मां का दर्शन कर चुके हैं। बड़े ही अच्छे से, बड़े ही विश्राम से, बड़े ही प्यार से मां का दर्शन हुआ। मां ने पूरे प्यार के साथ दर्शन दिया। बात की मां ने और अब मां ने हमें घर जाने की आज्ञा दी है।

मां का दर्शन करने के बाद अब यहां से हम लोग अपने घर की ओर बढ़ेंगे। आज मेरे छोटे बेटे का जन्मदिन भी है और उसने भी मन का पूरे इत्मीनान से दर्शन किया। जय मां छिन्नमस्तिके, जय मां काली।

जय मां, जय मां, जय मां

Rajrappa Mandir की हमारी यात्रा का वीडियो नीचे देखें:

पुत्र के जन्मदिन पर इस बार, पहुंचे मां छिन्नमस्तिके के द्वार

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